जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोविड - 19 एक घातक महामारी है जो पूरी दुनिया में बड़ी तेजी से फैल रही है और इस बीमारी का कारण कोरोना वायरस है. अब आप वायरस आधारित सभी प्रकार की बीमारियों से लड़ने के लिए भारत में एक वायरोलॉजिस्ट के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते हैं. वायरोलॉजी के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने के लिए, यह आर्टिकल बड़े ध्यान से पढ़ें.
आजकल पूरी दुनिया नोवल कोरोना वायरस अर्थात कोविड – 19 की चपेट में है और देश-दुनिया में लाखों लोग इस वायरस संक्रमण के शिकार है. इसी तरह, कोरोना वायरस का कोई सटीक टीका या दवाई अभी तक ईजाद न होने के कारण पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत भी अब तक हो चुकी है. इतना ही नहीं, क्योंकि कोरोना वायरस एक संक्रमण से बड़ी ही तीव्रता से फैलने वाली महामारी है, इसलिए पूरी दुनिया में भारत सहित कई देशों में सारा कारोबार और रोज़ाना के सभी कामकाज लगभग ठप्प पड़े है तथा देश-दुनिया के करोड़ों लोग लॉक डाउन की वजह से अपने घरों के भीतर ही 24x7 रहने को मजबूर हैं ताकि वे इस कोविड – 19 के संक्रमण से खुद को, अपने परिवार और समाज के साथ अपने देश को भी बचा सकें. ऐसे में, आप अगर एक वायरोलॉजिस्ट बनकर देश-दुनिया में फैलने वाले विभिन्न वायरसों के खिलाफ़ संघर्ष करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल जरुर पढ़ें:
वायलॉजी का परिचय
सबसे पहले हम यहां यह समझते हैं कि आखिर यह वायरोलॉजी क्या है? यह साइंस या जीव विज्ञान की वह ब्रांच है जिसमें विभिन्न किस्म के वायरसों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है. अभी तक के कुछ जाने-पहचाने वायरस हैं – सार्स, जीका, इबोला और सबसे लेटेस्ट नोवल कोरोना वायरस अर्थात कोविड - 19. वायरोलॉजी में इन सभी वायरसों के स्ट्रक्चर, जेनेटिक्स और बीमारी फैलाने वाले लक्षणों आदि के बारे में विस्तार से अध्ययन किया जाता है. वायरोलॉजी का सीधा संबंध माइक्रोबायोलॉजी से है और इसमें सभी किस्म के वायरसों के विशेष लक्षणों का अध्ययन करने के साथ ही मनुष्य और अन्य जीवित प्राणियों पर इनके घातक प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है.
वायरोलॉजिस्ट का पेशा
वायरोलॉजी एक्सपर्ट्स अक्सर वायरोलॉजिस्ट पेशेवर होते हैं और इनका काम मनुष्यों, जानवरों, पक्षियों, पेड़-पौधों, बेक्टेरिया, फंगी, इंसेक्ट्स और सरीसर्प वर्ग पर वायरस के घातक प्रभावों का अध्ययन करना होता है. ये पेशेवर आमतौर पर वायरस से जुड़ा समस्त रिसर्च वर्क और टीचिंग का काम करते हैं. कुछ पेशेवर नई दवाइयां और टीके बनाने के लिए भी रिसर्च वर्क करते हैं.
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वायरोलॉजिस्ट के पेशे के लिए जरुरी स्किल सेट
अगर हम इन पेशेवरों के लिए जरुरी स्किल सेट का जिक्र करें तो निम्नलिखित स्किल्स इस पेशे के लिए बहुत जरुरी हैं:
- बेहतरीन हेल्थ और शार्प माइंड.
- बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स.
- प्रेशर में काम करने की क्षमता.
- जिज्ञासा और विश्लेषण में माहिर हों.
- आईटी एंड सॉफ्टवेयर स्किल्स.
- मॉलिक्यूलर बायोलॉजी स्किल्स
भारत में वायरोलॉजिस्ट बनने के लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और एलिजिबिलिटी
हमारे देश में वायलॉजिस्ट का पेशा शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स ने अपनी 12वीं क्लास किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से साइंस (बायोलॉजी सहित) स्ट्रीम में अच्छे मार्क्स से पास की हो. इसके साथ ही वायरोलॉजी, मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी, वायरल ऑन्कोलॉजी, इम्यूनोलॉजी में ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के साथ ही हायर लेवल पर जॉब ज्वाइन करने के लिए वायरोलॉजी में पीएचडी/ एमडी की डिग्री हासिल की हो.
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भारत में वायरोलॉजी के विभिन्न कोर्सेज करवाने वाले प्रमुख एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स
- एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी, नोएडा
- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- सावित्रीभाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे, महाराष्ट्र
- श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति
- मणिपाल विश्वविद्यालय, कर्नाटक
- कर्पगम एकेडमी, कोयंबटूर
भारत में वायरोलॉजिस्ट का करियर स्कोप
हमारे देश में वायरोलॉजिस्ट्स अक्सर हेल्थ सेक्टर में और मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर काम करते हैं. वायरोलॉजिस्ट्स विभिन्न वायरसों के संबंध में डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ को अपनी एडवाइस और सभी जरुरी जानकारी प्रदान करते हैं. ये पेशेवर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवायें दे सकते हैं जैसेकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन से जुड़कर विश्व स्तर पर हेल्थ प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने में अपनी सहायता प्रदान करना. वायरोलॉजिस्ट्स रिसर्च ट्रेनीज़ को पढ़ाते भी हैं. नोवल कोरोना वायरस से उत्पन्न विकट स्थिति में तो हमारे देश सहित दुनिया भर में वायरोलॉजिस्ट्स का महत्त्व बहुत बढ़ गया है.
भारत में वायरोलॉजिस्ट को मिलने वाला सैलरी पैकेज
अब आपके मन में यह सवाल जरुर आ रहा होगा कि भारत में एक वायरोलॉजिस्ट को कितनी सैलरी मिलती है? यहां हम आपको यह बताना चाहते हैं कि हमारे देश में इन पेशेवरों को एंट्री लेवल पर शुरू के 3 साल तक लगभग 4.8 लाख रुपये सालाना मिलते हैं और सीनियर लेवल पर किसी वायरोलॉजिस्ट को लगभग 8.4 लाख रुपये सालाना मिलते हैं. भारत में इन पेशेवरों को लगभग 6.70 लाख रुपये सालाना औसत सैलरी मिलती है.
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